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23 December 2019

srinivasa ramanujan (mathematician)



श्रीनिवास रामानुजन इयंगर (गणितज्ञ) Man Who Knew Infinty

श्रीनिवास रामानुजन भारत के महान गणितज्ञ थे
 रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 को तमिलनाडु के ईरोड गांव में हुआ था
 रामानुजन के पिता श्रीनिवास अय्यांगर साड़ी के दुकान पर क्लर्क थे और मां कोमलतामल गृहणी थी

 रामानुजन के सभी भाई-बहन बचपन में चेचक की बीमारी से मर गए थे

 रामानुजन जन्म के 3 साल तक कुछ नहीं बोलते थे

बचपन में रामानुजन स्कूल जाने से बचते थे

 रामानुजन प्राथमिक स्तर पर जिले में पहले नंबर पर आए

 घर का खर्च निकालने के लिए रामानुजन ट्यूशन पढ़ाया करते थे 

 जब रामानुजन कक्षा सातवीं में पढ़ता था तब वह आपने से उच्च स्तर के 
छात्रों को ट्यूशन पढ़ाता था

रामानुज़न ने 11 साल की उम्र में, काॅलेज के स्तर का मैथ याद कर लिया था

 रामानुज़न ने 13 साल की उम्र में खुद की थ्योरम बना ली थी 

 जब रामानुजन 16 साल के थे, तो उनके दोस्त ने लाइब्रेरी से जी. एस. कार की लिखी हुई एक किताब दी “A Synopsis of Elementary Results in Pure and Applied Mathematics” इसमें 5000 से ज्यादा थ्योरम थी रामानुज़न ने ये किताब सारी पढ़ डाली पूरे ध्यान से बस यहीं से उनके मैथ जीनियस बनने का सफ़र शुरू हो गया

 17 साल की उम्र में, बर्नोली नंबरों की जाँच की और 15 डेसिमल प्वाॅइंट तक यूलर(Euler) कांस्टेंट की वैल्यू खोज दी थी

 रामानुजन अपने मैथ के पेपर को आधे से भी कम समय में पूरा कर देते थे
इन्होनें मैथ में इतना ध्यान लगाया, इतना ध्यान लगाया कि बाकी सभी सब्जेक्ट में फेल हो गए इससे इनकी स्काॅलरशिप भी छीन ली गई

रामानुजन का विवाह 22 साल की उम्र में जानकी देवी से हुआ

 1913 में 26 साल की उम्र में रामानुजन ने मैथ के 120 सूत्र लिखे और अंग्रेज प्रोफेसर जी. एच. हार्डी के पास भेज दिए उसने इन्हें कैंब्रिज यूनिवर्सिटी बुलाया

 1918 में 31 साल की उम्र में श्रीनिवास रामानुजन को राॅयल सोसाइटी का सबसे कम उम्र का साथी चुना गया 1841 में Ardaseer Cursetjee के बाद ऐसा करने वाले वे दूसरे भारतीय बन गए
 13 अक्टूबर 1918 को रामानुज को ट्रिनिटी काॅलेज का साथी चुना गया ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय थे
 रामानुजन ने अपनी 32 साल की लाइफ में 3884 इक्वेशन बनाईं इनमें से कई तो आज भी अनसुलझी है
 मैथ में 1729 को रामानुजन संख्या के नाम से जाना जाता है


 रामानुजन को “Man Who Knew Infinty” कहा जाता है

 बीमारी के कारण इंग्लैंड से वापस आ गए लेकिन फिर भी तेज़ बुखार, खांसी और पतला होने के कारण उनकी हालत गंभीर होती गई
 26 April, 1920 को मात्र 32 साल की उम्र में श्रीनिवास रामानुजन् इयंगर की मौत हो गई

 कुंबकोणम में इनके पैतृक निवास को अब म्यूजियम बना दिया गया है
तमिलनाडु, रामानुजन् के जन्मदिन को IT Day के रूप में और पूरा देश National Mathematics Day के रूप में मनाता है

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