Digital Survey for National Curriculum
(District officers, Block officers, HM, teachers, parents &
community members are participate)
यदि सन्ति गुणा: पुंसां, विकसन्त्येव ते स्वयम्।
न हि कस्तूरिकामोद:,शपथेन विभाव्यते।।
भावार्थ:-
जिस प्रकार कस्तूरी की गन्ध को सिद्ध नही करना पड़ता, वह तो स्वयं फैलकर अपनी सुगन्ध से वातावरण को सुवासित कर देती है। उसी प्रकार गुणवान् तथा प्रतिभावान मनुष्य के गुण अपने आप फैल जाते है, उनका प्रचार नही करना पड़ता।
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