आखिर 19 जून को ही क्यों मनाया जाता है ...... फादर्स डे ?
क्या अंधे होकर पश्चिमी और अमेरिकी देशो की नक़ल करके हमारी शान बढ़ती है ऐसा मानते है हम आधुनिक भारतवासी ?
अमेरिका के वाशिंगटन शहर की 16 साल की लड़की "सोनोरा लुईस" की मां का निधन हो गया था। उसके आलावा उसके पांच छोटे भाई-बहन थे। उसके पिता ने इनका पालन पोषण किया । "सोनोरा लुईस" को अपने पिता से बहुत प्यार था, क्योंकि पिता के प्यार की वजह से मां की कमी महसूस नहीं हुई। सोनोरा के मन में ख्याल आया कि पिता के स्नेह के सम्मान में "फादर्स डे" मनाया जाये तब "सोनोरा लुईस" ने 19 जून 1910 को पहली बार फादर्स डे मनाया था ..........................................और आज भारत के कुछ ज्यादा पढ़े लिखे लोग पिता के साथ फोटो खींच कर ऐसे सोशल मिडिया पर डालते है जैसे "सोनोरा लुईस" की तरह उनकी भी माँ बचपन में मर गयी हो पिता ने उन्हें पाला हो , भारत में क्या कोई "सोनोरा लुईस" के साथ हुई घटना जैसी घटना नहीं हुई होगी कृपया सोचे एक मिनट के लिए .................
इस प्रकार के अनेक प्रश्न आते है दिमाग में कि क्या कोई भारतीय विदेशों के मामूली किस्से कहानियों को अपने जीवन का अंग बनाता है तो वो अंधविश्वासी नहीं है और यदि भारतीय प्राचीन परम्परा को कोई अपनाये तो 19 जून को फादर्स डे मनाने वाले लोग ही उसे घोर अंधविश्वासी कहते है ।
- रमेश खोला, 20 जून 2022
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