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16 June 2024

Baba Bhaiya | Dada Kheda

बोलो ग्राम देवता़ बाबा भईया की जय


मेरे प्यारे ग्राम/नगर वासियो, नमस्कार
क्या आप जानते हैं कि ग्राम देवता़ या बाबा भईया या दादा खेडा का मंदिर जो आपके गाॅंव में बना हुआ है वह आपके जन्म से पहले का बना हुआ है वह कब और किसने बनवाया था ?
आऔ..... आज मैं आपको इस प्रश्न का उत्तर बताता हूॅं  |
     हमारी भारतीय प्राचीन संस्कृति बहुत ही समृ़द्ध थी । हमारी पौरा़िणक परंपरा अनुसार जब भी कोई गाॅंव या नगर बसाया जाता था तो सर्वप्रथम ग्राम देवता या नगर खेडा का मंदिर स्थापित किया जाता था । जिस प्रकार हम कुआ या ट्यूबवेल बनाते है तो सर्वप्रथम पूजन के मंढी यानी पूजा स्थल बनाते है वैसे ही ग्राम देवता / बाबा भईया या नगर खेड़ा के मंदिर की स्थापना की  जाती थी | ग्राम देवता/ बाबा भईया या नगर खड़ा को अलग अलग स्थानों पर अलग अलग नाम से पुकारा जाता है जैसे- खेडा का धनि, दादा खेडा, नगर खेडा, खेडा देवता, बाबा भईया, ग्राम देवता आदि । हमारे पौरा़िणक ग्रन्थों में इनका नाम ‘क्षेत्रपाल‘ भी वर्णित है ।
ग्राम देवता या नगर खेडा उस गाॅंव या नगर में बसने वाले सभी लोगो का पूज्यनीय देवता होता है, चाहे कोई किसी भी मत-मतांतर को मानता हो , ग्राम देवता या नगर खेडा प्रथम पूज्य होता है।
   मान्यता है कि यह उस गाॅंव या उस नगर का मालिक होता है जिस गाॅंव या जिस नगर में इनका मंदिर स्थित है। इसी लिए सभी शुभ कार्यों को शुरू करते वक्त ग्राम देवता या नगर खेडा की पूजा सबसे पहले होती है, ताकि गाॅंव या नगर में सुख-समृद्धि और शान्ति स्थापित रहे। इसके साथ ही यह भी मान्यता है कि बिना ग्राम देवता या नगर खेडा की इजाजत के कोई बाहरी शक्ति गाॅंव या नगर में प्रवेश नही कर सकती । यहाॅं तक कि कोई दैवीय शक्ति भी बिना ग्राम देवता या नगर खेडा की इजाजत के गाॅंव या नगर में प्रवेश नही कर सकती अर्थात किसी गाॅंव या नगऱ में जब किसी नए मंदिर कि स्थापना की जाती है तब भी सर्वप्रथम ग्राम देवता या नगर खेडा की पूजा अर्चना कर इजाजत लेकर ही नए मंदिर का भूमि पूजन कार्य शुरू किया जाता है।
    प्राचीन समय में ऐसा कहा जाता था कि किसी शुभ काम में ग्राम देवता या नगर खेडा को बिसरा दिया या भूलवश पूजन नहीं किया तो गाॅंव में विपत्तियां आना शुरू हो जाती थी, चाहे वो महामारी के रूप में हो या पशुओं में बिमारी या अन्य नुकसान के रूप में हो। तब ग्राम देवता या नगर खेडा को खुश करने के लिए पूजा-अर्चना , हवन करके और भण्डारा आदि लगाकर लोग सुख-समृ़िद्ध की प्रार्थना करते थे। ग्राम देवता या नगर खेडा की कृपा से सभी संकट दूर हो जाते थे।
 ग्राम देवता या नगर खेडा का पूजन भण्डारा, भजन आदि साल में एक बार जेठ महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को किया जाता है, पूरे जेठ महिने ग्राम देवता या नगर खेडा को स्नान करवाया जाता है अर्थात जल अर्पित किया जाता है। मासिक पूजन हर महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को किया जाता है वैसे तो हम नित्य ग्राम देवता या नगर खेडा की पूजा करते हैं लेकिन रविवार का दिन ग्राम देवता या नगर खेडा की पूजा का विशेष दिन माना जाता है।
बोलो....... खेड़ा का धनी की , जय......
- रमेश खोला ,
 तिथिः जेठ मास शुक्ल पक्ष दशमी , साल 2081 
(दिनांक 16.06.2024)

*बाबा भैया की जय हो*
भजन video (Short Video)
*बोलो ... खेड़ा के धनी की जय*

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