1. जननी जने तो भक्त जन, कै दाता कै सूर , नहीं तो जननी बांझ रहै व्यर्थ गवावहिं नूर ।
- महाकवि तुलसीदास
2. जिस प्रकार एक सूखा पेड़ आग लगने पर पूरे जंगल को जला देता है, उसी प्रकार एक दुष्ट पुत्र पूरे परिवार को नष्ट कर देता है। - चाणक्य
3. सोवत साध जगाइए, करे हरि का जाप । यह तीनों सोते भले, सकित, सिंह और साप ॥ - प्राचीन भारतीय कहावत
4. अगर सांप जहरीला न भी हो तो भी उसे जहरीला होने का ढोंग करना चाहिए। - चाणक्य
5. अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो, तो सूरज की तरह जलना सीखो। - डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम
6. जब तक शत्रु की दुर्बलता का पता न चल जाए, तब तक उसे मित्रता की दृष्टि से रखना चाहिए।- चाणक्य
7. किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आए , आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत रस्ते पर चल रहे हैं । - स्वामी विवेकानंद
8. साँप के दाँत में, मक्खी और बिच्छू के डंक में ज़हर होता है, परन्तु दुष्ट मनुष्य इससे परिपूर्ण है। - चाणक्य
9. हम भारत भाग्य विधाता है, हमसे ही लोकतंत्र आता है,
एक अच्छी सी सरकार चुने
हम भारत के मतदाता हैं - रमेश खोला , 04.10.2024
10. "शठे शाठ्यम समाचारेत" अर्थ: दुष्ट के साथ दुष्टता का ही व्यवहार करना चाहिये - विदुर
संकलनकर्ता - रमेश खोला
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