पाश्चात्य देशों ने भारत की महान संस्कृति को अनदेखा करके बेतुके कार्य करते हुए नए नए दिवस संसार पर थोपे है , इन रोजमर्रा की बातो को विशेष दिवस के रूप में मनाने वाले और उनकी सोच भारत से हजारों साल पीछे महसूस होती है - रमेश खोला 07.08.2023
ये कोई तुक बना क्या कि अपने दोस्तो के साथ रात्रि भोजन खाने की घटना को Friendship Day के रूप में मनाया जाता है
पश्चिमी देशों में ये घटनाएं विशेष होंगी लेकिन भारत की समर्द्ध सस्कृति में इन रोज मर्रा की घटनाओं को स्थान देने की बजाय उस दिन को मित्रता दिवस मनाना चाहिए
१. जब सुदामा कृष्ण से मिलने गया था वो तारीख / तिथि मित्रता दिवस के लिए सर्वोत्तम है
२ जब श्री राम चंद्र जी निषाद राज गुह से मिले थे वो तारीख / तिथि मित्रता दिवस के लिए सटीक है
३. भगवान राम और वानर राज सुग्रीव की जिस दिन मित्रता हुई वो तारीख / तिथि मित्रता दिवस के लिए सटीक है
.......इस जैसी अनेकों घटनाएं है जिन्हे याद करके मित्रता दिवस ( Firendship Day) मनाया जाना चाहिए - रमेश खोला 7 अगस्त 2023