हम भारतीय इतने नादान है कि कोई नस्त्रेदमंन जैसा विदेशी कुछ भविष्यवाणी कर दे दो उसे ढोल बजा बजा कर अपनी पीडियो तक इस बात को पहुंचाते है कि विदेशी कितने विद्वान होते है और हम कितने बुद्धू हैं
जबकि हमारे देश के भविष्यवक्ताओं के बारे में हम जानते नहीं है या जानना नहीं चाहते है या जान जाते है तो उसका जिक्र किसी से नहीं करते है , ऐसी प्रवृति ने ही भारत की अतुल्य ज्ञान संस्कृति को नष्ट कर दिया है
मैं ( RAMESH KHOLA ) आपको यहाँ राजस्थान की मरू भूमि में वागड़ धाम (नजदीक बांसवाड़ा-डूंगरपुर) में स्थित बेणेश्वर धाम (त्रिवेणी संगम) के " महंत मावजी महाराज" के बारे में कुछ बताना चाहता हूँ | बेणेश्वर धाम (त्रिवेणी संगम) महंत मावजी महाराज द्वारा विक्रम संवत 1784 में बेणेश्वर में "गद्दी" स्थापित कर माव परंपरा आरंभ की ,जो माही नदी त्रिवेणी पर स्थित है । " महंत मावजी महाराज" को भगवान विष्णु के अंशावतार के रूप में भी जाना जाता है |
जन्म : इनका जन्म औदीच्य ब्राह्मण (दालम ऋषि) के घर में विक्रम सम्वंत 1771, के माघ मास की शुक्ल पक्ष पंचमी को हुआ , इनकी माता का नाम केशर था | 12 वर्ष की आयु में घोर तपस्या के बाद विक्रम सम्वंत 1784 , के माघ मास की शुक्ल पक्ष एकादशी को संत रूप में प्राकट्य हुआ |
मावजी महाराज ने चादर पर चित्रों के माध्यम से भी भविष्य की तस्वीर बनाई थी
ध्यान से देखने पर आप पाएंगे कि गोल चकरीनुमा आकृति , आदमी के हाथ में माउस जैसा है सामने कम्प्यूटर, की-बोर्ड जैसा है, रॉकेट, मिसाइल, अंतरिक्ष यान , सेटेलाइट, लोग फोन पर बात कर रहे हैं।
भविष्यवाणियां : मावजी महाराज ने बांस की कलम और लाक्षा (लाख) की स्याही से 72 लाख 66 हजार भविष्यवाणियां अपने हाथ से बागड़ी भाषा में लिखी जो आज भी साबला (डूंगरपुर) स्थित मावजी महाराज के जन्म स्थान पर बने मंदिर में कर रखी गई हैं।
बागड़ी भाषा में लिखी हस्तलिपियाँ
बागड़ी भाषा में महंत मावजी महाराज द्वारा लिखी कुछ भविष्यवाणियां :
भविष्यवाणी बागड़ी भाषा : धरती तो तांबा वरणी होसी
अर्थ हिंदी भाषा : धरती तपकर तांबे के रंग की हो जाएगी, धरती का तापमान बढ़ना अर्थात ग्लोबलवार्मिंग )
भविष्यवाणी बागड़ी भाषा : पर्वत गिरी ने पाणी होसी
अर्थ हिंदी भाषा : पर्वत पिघलकर पानी बनेंगे (ग्लेसियर पिघलना )
भविष्यवाणी बागड़ी भाषा : जमीन आसमान का पर्दा टूटेगा
अर्थ हिंदी भाषा : जमीन और आसमान के बीच की दीवार टूटेगी, (ओजोन मंडल में छेद )
भविष्यवाणी बागड़ी भाषा : भेंत में भभुका फूटेगा
अर्थ हिंदी भाषा : दीवारों से पानी आएगा (घरों में नल)
भविष्यवाणी बागड़ी भाषा : डोरिये दीवा बरेंगा
अर्थ हिंदी भाषा : डोरियों से दीपक जलेंगे (बिजली)
विष्यवाणी बागड़ी भाषा : परिऐ पाणी वेसाएगा
अर्थ हिंदी भाषा : पानी बेचा जाएगा (बोतलों में पानी बिकता है )
भविष्यवाणी बागड़ी भाषा : वायरे बात होवेगा
अर्थ हिंदी भाषा : हवा के माध्यम से बात होगी (मोबाइल)
भविष्यवाणी बागड़ी भाषा : बग सरणे हंस बिसती, हंस करे बग नी सेवा
अर्थ हिंदी भाषा : बगुले की शरण में हंस बैठेगा और हंस, बगुले की सेवा करेगा (अयोग्य व्यक्ति की सेवा योग्य व्यक्ति करेगा )
भविष्यवाणी बागड़ी भाषा : चार जुगना बंधन तोड़ी
अर्थ हिंदी भाषा : चार युगों से चले आ रहे जाति-धर्म के बंधन टूटेंगे (अन्तर्जातीय विवाह)
भविष्यवाणी बागड़ी भाषा : बधनि सिर थकी भार उतरयसी
अर्थ हिंदी भाषा : बैलों के सिर पर बोझ हल्का होगा (ट्रेक्टर आदि का प्रयोग )
भविष्यवाणी बागड़ी भाषा : बहू बेटी काम भारे, सासु पिसणा पिसेगा
अर्थ हिंदी भाषा : बहू बेटियां बाहर के काम करेंगी और सास घर का (नौकरीपेशा कामकाजी महिलाएं )
~~~~~~~~~~~~~
No comments:
Post a Comment
आप, प्रतिक्रिया (Feedback) जरूर दे, ताकि कुछ कमी/गलती होने पर वांछित सुधार किया जा सके और पोस्ट की गयी सामग्री आपके लिए उपयोगी हो तो मुझे आपके लिए और अच्छा करने के लिए प्रोत्साहन मिल सके :- आपका अपना साथी - रमेश खोला