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17 July 2013

Selection Process - PTI

#NEWS - 9 April 2020
 सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में हाईकोर्ट के उस निर्णय को सही ठहराया है, जिसमें हाईकोर्ट ने इन पीटीआइ शिक्षकों की भर्ती को रद कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को एक तय समय में इन पदों पर नए सिरे से भर्ती करने का भी आदेश दिया है हाई कोर्ट की एकल बेंच ने 11 सितंबर 2012 को भर्ती रद करने का फैसला दिया था। इसके बाद 30 सितंबर 2013 को हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने भी इस फैसले पर मुहर लगाई थी। इसके बाद प्रभावित शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था  बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण व जस्टिस रविंद्रा भट की बेंच ने वीडियों कान्‍फ्रेंस के माध्यम से इस बहुचर्चित मामले में फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने पंजाब एवं हरियाण हाईकोर्ट द्वारा इन पीटीआइ शिक्षकों की‍ नियुक्ति को रद करने के फैसले को सही ठहराया। 

यह था हाई कोर्ट का आदेश
11 सितंबर 2012 को हाई कोर्ट के जस्टिस एजी मसीह ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के शासनकाल में भर्ती 1983 पीटीआइ शिक्षकों की नियुक्तियों को रद कर दिया था। कोर्ट ने इस मामले में दायर एक साथ 68 याचिकाओं पर सुनवाई के बाद फैसला सुनाया था। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने 10 अप्रैल 2010 को फाइनल चयन सूची जारी कर ये नियुक्तियां की थीं। हाईकोर्ट ने कमीशन को निर्देश जारी किए थे कि नियमों के तहत नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू करे और पांच महीने के अंदर इस भर्ती प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाए। हाईकोर्ट ने कहा कि ये नियुक्तियां निर्धारित नियमों के तहत नहीं हुई हैं और इन्हें गैरकानूनी कहलाना गलत नहीं है हाईकोर्ट ने इस नियुक्ति प्रक्रिया में आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठाया था। हाईकोर्ट ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान साक्षात्कार होल्ड करवाने वाले आयोग की सिलेक्शन कमेटी के सदस्यों द्वारा कार्यवाहियों में शामिल न होने से आयोग की नकारात्मक छवि को उजागर करता है।
हाईकोर्ट ने कहा कि दस्तावेज खुलासा के एक बिंदु से संकेत मिलता है कि ये नियुक्तियां आयोग के निर्धारित नियमों के तहत नहीं हुई है और इन्हें गैरकानूनी कहना गलत नहीं होगा। खंडपीठ ने इस मामले में कमीशन के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते यह तक कहा कि बहुसदस्य कमीशन होने के बाद भी कार्यप्रणाली से ऐसा लगता है कि यह सब एक व्यक्ति के कहने से चल रहा है। कोर्ट ने कमीशन के तत्‍कालीन चेयरमैन पर भी प्रतिकूल टिप्पणी की।

कैसे-कैसे उम्मीदवारों का चयन किया गया
चयनित कुछ उम्मीदवार तो ऐसे थे जिन्होने पीटीआई का डिप्लोमा पहले किया व दसवीं बाद में की। 
कुछ उम्मीदवारों ने चयन के बाद आवेदन फार्म भी जमा करवाया।
 कुछ के फार्म के साथ फीस जमा नही करवाई गई। 
कई दर्जन ऐसे उम्मीदवारों का चयन किया गया, जो योग्यता पूरी नहीं करते थे।
दर्जनों उम्मीदवार ऐसे है जो अमरावती या महाराष्ट्र से पीटीआई कोर्स पूरा कर आए थे,उनके प्रमाण पत्र में परिणाम घोषित करने की तिथि के साथ छेड़छाड़ की गई है
एक मामले में तो हैरानी करने वाली बात यह है कि चयनित एक उम्‍मीदवार का परिणाम पहले घोषित कर दिया और उसने फार्म बाद में जमा करवाया
एक चयनित उम्‍मीदवार दसवीं में फेल था। एक उम्‍मीदवार ने तो पीटीआइ का कोर्स 1995 में किया लेकिन दसवीं 1997 में की
भर्ती में रिजर्व श्रेणी के कई उम्‍मीदवारों का चयन सामान्य श्रेणी में किया गया हे।
यह भी आरोप था कि महिला के लिए रिजर्व सीट पर पुरूष उम्‍मीदवार का चयन किया गया।
इस बात का पूरा रिकार्ड डिवीजन बेंच ने तलब भी किया था और भर्ती पर हैरानी जताई थी। 

हाई कोर्ट ने अपील दायर करने पर एचएसएससी व हरियाणा सरकार को लगाया था जुर्माना
एकल बेंच के फैसले के खिलाफ हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने डिवीजन बेंच में अपील दायर की तो उसे खारिज करते हुए कड़ी टिप्‍पणी की थी। हाईकोर्ट के जस्टिस सूर्य कांत पर आधारित डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में कहा था कि एकल बेंच ने जिन तथ्यों पर यह भर्ती रद्द की है उससे हम पूर्ण रूप से सहमत हैं और हमने पूरा रिकार्ड देखा है जिससे साबित होता है कि यह भर्ती में पूर्ण धांधली हुई है बेंच ने इस भर्ती में चयनित उम्मीदवारों के दस्तावेज जांचने में जल्दीबाजी व ओवर ऐज उम्मीदवारों के चयन पर भी सवाल उठाया था और हरियाणा सरकार को भर्तियों में भविष्य में भर्ती में सचेत रहने को कहा। बेंच ने इस मामले में एकल बेंच के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने पर स्टाफ सलेक्शन कमीशन को प्रत्येक अपील पर पचास हजार का जुर्माना, हरियाणा सरकार को प्रत्येक अपील पर दस हजार का जुर्माना व अपील करने वाले उम्मीदवार पर भी दस हजार रूपये जुर्माना लगाया था। अपील करने वाले उम्‍मीदवार ने एकल बैंच पर पक्ष न सुनने का आरोप लगाया था

भर्ती का घटनाक्रम
- 20 जुलाई 2006 को कर्मचारी चयन आयोग ने 1983 पीटीआई की भर्ती के आवेदन मांगे।
- 21 अगस्त तक आवेदन जमा करने थे, 21 जनवरी 2007 को लिखित परीक्षा का नोटिस।
- धांधली की शिकायतें मिलने की बात कहकर परीक्षा को खारिज कर दिया गया।
- फिर 20 जुलाई 2008 को परीक्षा तय की गई जिसे प्रशासनिक कारणों का हवाला
दे खारिज किया।
- इसके बाद पात्रता तय कर पदों से 8 गुणा उम्मीदवार सीधे इंटरव्यू के लिए
बुला लिए गए।
- 2 सितंबर 2008 से लेकर 17 अक्टूबर 2008 तक उम्मीदवारों के इंटरव्यू लिए गए।
- पहले इंटरव्यू के 25 अंक तय किए गए थे, वहीं इसे बाद में बदलकर 30 कर दिया गया।
- 10 अप्रैल 2010 को भर्ती का परिणाम घोषित किया गया। 1983 उम्मीदवारों को
नियुक्ति दी गई।
- 11 सितंबर 2012 को हाईकोर्ट की एकल बेंच ने भर्ती रद की।
- 30 सितंबर 2013 को हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने एकल बेंच के आदेश पर मुहर लगाई।
8 अप्रैल 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराया।
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17.07.2013

23 June 2013

MATA DHARI DEVI

07 May 2013

3206 JBT

चंडीगढ़ : चौटाला शासन काल में भर्ती हुए 3206 जेबीटी टीचर को हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार समाचार पत्रों में नोटिस देकर प्रतिवादी बना दिया है। चयनित टीचर को हटाने की याचिका पर सुनवाई के दौरान बृहस्पतिवार को इस मामले में याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट को यह जानकारी दी गई। याचिकाकर्ता ने याचिका में मांग की कि उसका नाम चयन के लिए बनी पहली सूची में था लिहाजा उसको नियुक्ति देकर बाद में चयनित टीचर की भर्ती रद की जाए।

कोर्ट ने समाचार पत्रों में नोटिस के आधार पर सभी टीचर को इस मामले में प्रतिवादी मानते हुए इस मामले की सुनवाई इस भर्ती को चुनौती देने वाले मुख्य केस के साथ करने का आदेश देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी। ज्ञात रहे कि चयनित टीचर की संख्या हजारों में होने के कारण कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इस मामले में सभी टीचर को प्रतिवादी बनाने के लिए अखबार में नोटिस निकालने को कहा था ताकि सभी टीचर कोर्ट के सामने अपना पक्ष रख सकें

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JBT Scam News
JBT SCAM
Selection criteria
3206 JBT
2000 Batch
JBT scam Order
P&H high court judgement
Promotion Case

Promotion Order Letter

07 April 2013

BAIKUNTH DHAM JI KI Aarti


 -  written by _" Pandit  RAMNIWAS SHARMA"
                       Mob. No.   +91-9466358581
Uploaded By- Ramesh Khola

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